उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: महिला स्वामित्व वाले संपत्ति विलेखों पर स्टाम्प शुल्क में राहत, 1 करोड़ तक की संपत्ति पर 1% की छूट

महिला सशक्तीकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में महिलाओं के पक्ष में निष्पादित संपत्ति विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस निर्णय के अनुसार, 1 करोड़ रुपये तक के मूल्य वाले विलेखों पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की छूट प्रदान की जाएगी।
यह निर्णय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त, संपत्ति स्वामित्व में भागीदारी बढ़ाने और उन्हें सामाजिक व वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे विशेष रूप से मध्यम वर्ग की महिलाओं को लाभ मिलेगा, जिनके लिए संपत्ति पंजीकरण में स्टाम्प शुल्क एक बड़ी बाधा बनता था।
सरकार का मानना है कि इस निर्णय से प्रदेश में महिलाओं के नाम संपत्ति पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे उन्हें स्वामित्व, सम्मान और अधिकार प्राप्त होंगे। यह राज्य सरकार की मिशन शक्ति जैसी योजनाओं के उद्देश्यों को भी मजबूती प्रदान करेगा, जो महिला सशक्तीकरण को केंद्र में रखकर संचालित की जा रही हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 एवं 2008 में महिलाओं के पक्ष में 10 लाख रुपये तक की स्थावर संपत्ति के अंतरण पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क छूट का प्रावधान किया था। तब अधिकतम छूट 10,000 रुपये तक सीमित थी। लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये मूल्य तक के विलेखों पर लागू किया गया है, जिससे अधिक लाभार्थियों को राहत मिलेगी।
इस निर्णय का कानूनी आधार भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 में निहित है, जिसमें राज्य सरकार को अपने क्षेत्र के अंतर्गत विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की दर निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त है। इसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार समय-समय पर आवश्यक संशोधन करती रही है।
इस फैसले का व्यापक प्रभाव प्रदेश की महिलाओं पर पड़ेगा। वे संपत्ति की स्वामी बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगी, जिससे उनका समाज में स्थान और आर्थिक स्थायित्व दोनों मज़बूत होंगे। साथ ही, सरकार का राजस्व प्रभावित किए बिना, यह कदम सामाजिक न्याय और समानता को भी बढ़ावा देगा।
सरकार की यह पहल, भारत सरकार द्वारा बजट 2024 में महिलाओं के पक्ष में विलेखों पर स्टाम्प शुल्क कम करने की अपेक्षा के अनुरूप भी है और केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों को सशक्त करती है।






