उत्तर प्रदेश के जौनपुर में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध न होने पर जिला अस्पताल परिसर में छटपटाते मरीजों को ऑक्सीजन देने वाले युवक समेत दो लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया है। सीएमएस की तहरीर पर पुलिस दोनों के खिलाफ महामारी फैलाने का केस दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई है। प्राइवेट एम्बुलेंस से ऑक्सिजन देकर लोगों की जान बचाने के बदले युवक के घर पुलिस दबिश दे रही है हलाकि पुलिस की दबिश के बाद परेशान युवक का रोते-बिलखते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। यही नहीं अगर आप पुलिस के द्वारा दर्ज की गई ऍफ़ आई आर की कॉपी देखेंगे तो इसमें विक्की के नाम के आगे ” पत्रकार ” लिखा हुआ है।
जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को उपचार के लिए दूरदराज से पहुंचे मरीजों को बेड के अभाव में भर्ती नहीं किया गया तो वह परिसर में ही फर्श पर छटपटाते लगे। यह दृश्य प्राइवेट एंबुलेंस चलवाने वाले युवक विक्की अग्रहरि ने देखा तो आननफानन में अपनी एंबुलेंस में मौजूद तीन सिलिंडरों को निकालकर मरीजों को ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया। बाद में उसने एक अन्य एंबुलेंस से भी तीन सिलिंडर मांग लिए। इसके बाद एक अन्य युवक जिसने अपने पिता के लिए सिलिंडर मंगाए थे, किंतु पिता की मौत हो जाने पर बचे दो सिलिंडर भी विक्की को सौंप दिए। कुल आठ सिलिंडरों की मदद से युवक ने 14 लोगों को आक्सीजन देकर राहत पहुंचाई।
यह मदद अस्पताल प्रशासन को नागवार लगी। मामला सुर्खियों में आने के बाद पहुंचे सीएमएस ने मरीजों को तो किसी तरह अस्पताल में भर्ती तो कर लिया, लेकिन शुक्रवार को विक्की अग्रहरि और उसके एक अज्ञात साथी के खिलाफ धारा 144 और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन, महामारी फैलाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज करा दिया। पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में सीएमएस डॉ. अनिल शर्मा का कहना था कि ओपीडी पर्ची काउंटर के बगल में मरीजों को लेटाकर युवक ऑक्सीजन दे रहा था, जबकि वह न तो इसके लिए अधिकृत था और न ही उसके पास कोई डिग्री है। यह मरीजों की जान से खिलवाड़ करना था। बस अस्पताल प्रशासन की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया था। हालांकि ऑक्सीजन सिलेंडर देकर कई मरीजों की जान बचानें वाले युवक पर सीएमएस द्वारा मुकदमा दर्ज कराए जानें के बाद लोग सोशल मीडिया पर युवक के बचाव में आकर सीएमएस पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
“इस मामले में ब्रेकिंग टुडे की टीम ने जब विक्की से बात की तो उसने बताया की मुकदमा दर्ज होने के बाद वो अपने घर नहीं जा रहा है। वो काफी डरा हुआ है न जाने कब उसे पुलिस पकड़ ले जाए। फ़िलहाल विक्की को उस बात की सजा दी जा रही है जिसके लिए उसे इनाम मिलना चाहिए। विक्की ने बात चित के दौरान बताया की उसने अब तक करीब 100 मरीजों की जान ऑक्सीजन के आभाव में जाने से बचाई है। फ़िलहाल खबर लिखे जाने तक विकी यूपी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। हलाकि देर सबेर करवाई तय है “
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मोहल्ला अहियापुर निवासी रितेश अग्रहरि उर्फ विक्की के प्रकरण को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान में लिया है तथा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम प्रकाश के निगरानी में समिति गठित की है ,जो संपूर्ण घटना की जांच करके अतिशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिससे विधि सम्मत कार्रवाई हो सके।
– मनीष वर्मा , जिलाधिकारी जौनपुर