Home / मीडिया जगत / खबर लिखने पर 3 पत्रकारों व सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले 1 नागरिक को जिला प्रशासन ने भेजा नोटिस आईटी एक्ट में कार्यवाही की चेतावनी

खबर लिखने पर 3 पत्रकारों व सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले 1 नागरिक को जिला प्रशासन ने भेजा नोटिस आईटी एक्ट में कार्यवाही की चेतावनी

मनीष कुमार पांडेय 

रायबरेली – भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई यूपी ने 19 अप्रैल 2021 को ट्वीट कर जानकारी दी कि रायबरेली से 20 टन ऑक्सीजन टैंकर के जरिए कानपुर कड़ी सुरक्षा के बीच लाई गई है। इस खबर को लिखने वाले जनपद रायबरेली के 3 पत्रकारों व सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले 1 नागरिक को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी की है और पूछा है कि इसका तथ्य क्या है सोर्स क्या है? वही कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने सोशल मीडिया पर कमेंट करके बताया था कि प्रियंका गांधी के कहने पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 16 टन ऑक्सीजन ट्रक से भेजा है जिसमें 11 टन मेदांता को और 5 टन रायबरेली को दी जानी थी। सांसद प्रतिनिधि ने स्वयं 2 दिन पहले जिला प्रशासन से संपर्क कर 5 टन ऑक्सीजन लेने को कहा पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया! इस खबर और कमेंट को शेयर करने वाले पत्रकार और 20 टन ऑक्सीजन कानपुर भेजे जाने की खबर लिखने वाले दो पत्रकारों पर भी नोटिस जारी की गई है। विधिक रुप से जानकारी के साथ पत्रकारों ने तथ्यों के बारे में जानकारी प्रशासन को दे दी है। सवाल तो यही उठता है कि मीडिया समूह अमर उजाला, एबीपी गंगा , एएनआई के दावे को जिला प्रशासन क्यों नहीं मान रहा है! जिनके वीडियो और खबरों में इस बात का जिक्र है कि रायबरेली से 20 टन ऑक्सीजन कानपुर भेजी गई है। पत्रकारों ने इसी बात को लेकर सवाल उठाया कि जब रायबरेली में ऑक्सीजन की किल्लत थी तो कानपुर ऑक्सीजन किसके कहने पर भेजा गया इसका जवाबदेह कौन है? इस पर जिला प्रशासन ने बिना देर करते हुए पत्रकारों और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे नागरिक को नोटिस भेजने में देर नहीं की और आईटी एक्ट की कार्यवाही करने की चेतावनी भी दे डाली।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सोशल मीडिया में आ रही शिकायतों को लेकर क्यों भेजा गया नोटिस?

जिला प्रशासन रायबरेली अपनी ही करतूतों से सवालों में घिर गया है एक तो उसे यह जानकारी नहीं है कि 20 टन ऑक्सीजन रायबरेली से गैर जनपद कैसे गई? दूसरा 30 अप्रैल को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था सोशल मीडिया पर आ रही शिकायतों पर कोई कार्यवाही ना की जाए हम तक आवाजों को आने दिया जाए। दूसरी ओर 30 अप्रैल को ही नोटिस जिला प्रशासन के द्वारा जारी कर दी गई क्या यह माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं है? जबकि पत्रकारों को 2 तारीख को नोटिस दी गई है। ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा की गई कार्यवाही संदेह से परे है। अब देखना होगा बड़े मीडिया समूह की खबरों का संज्ञान लेते हुए क्या 20 टन ऑक्सीजन 19 अप्रैल की रात रायबरेली से किस जगह से भेजा गया यह रायबरेली प्रशासन पता कर पाएगा?

Check Also

जब देवलोक के पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को देवर्षि नारद ने दिया ज्ञान

देव लोक में आज पत्रकारिता के विद्यार्थी बड़े प्रसन्न थे कारण की आज देवर्षि नारद ...