दर्दनाक है उन्नाव की ये तस्वीर ! शवों को कुत्ते खा रहे है और मानव अंगों को गांव तक ले जा रहे है
तस्वीर खतरनाक है। उन्नाव के कानपूर गंगा घाट पर सैकड़ो की संख्या में लाशो को महज तीन फिट का गड्ढा खोदकर दफना दिए जा रहा है जिससे शवों को कुत्ते नोंचकर खा रहे है और मानव अंगो को खींच खींचकर गावो तक ले जा रहे है सरकार आप ही बताइये ये कैसी व्यस्था है |
कोरोना महामारी से हो रही मौतों के चलते इन दिनों उन्नाव में बीघापुर तहसील के बक्सर घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। संक्रमण के डर से पंडे भी दाह संस्कार कराने से बच रहे हैं जिसके बाद अधिकतर शवों को रेत में ही दबा दिया जा रहा है। घाट पर जगह कम पड़ी तो नदी के बीच रेत के टीले पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। आसपास बस्ती और गांवों में रहने वालों में महामारी का डर है।श्मशान घाट पर मौजूद डोम, नदी के किनारे गड्ढे खोदकर शवों को दफना कर अंतिम संस्कार करा रहे हैं। हालत यह है कि नदी के किनारे जगह कम पड़ने से अब शवों को नाव से नदी के बीच ले जाकर नदी के बीच बने रेत के टीलों पर दफनाया जा रहा है। आलम यह है कि अब गड्ढे खोदने की जगह नहीं मिल रही है।यहां दफनाए गए शवों को कुत्ते खींचकर इधर उधर फैला रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।बक्सर घाट पर बेतरतीबी से दफनाए गए शवों के अंग कुत्ते खींचकर गांवों के अंदर तक ले आते हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है।इस दौरान अगर किसी भी कारण से गंगा का जलस्तर बढ़ा तो बक्सर श्मशान घाट के और रेत के टीलों पर दफनाए गए हजारों शव जमीन पर आ जायेंगे। पानी के साथ बहकर दूर तक जाएंगे और तेजी से संक्रमण फैलेगा।