लखनऊ,16 नवंबर:भाजपा बिहार चुनाव के नतीजे के बाद बिहार में बड़ी पार्टी बन के उभरी है, रविवार को NDA विधायक दल की बैठक में इस बात का एलान किया गया की नीतीश कुमार ही बिहार में NDA की बाग़डोर सम्भालेंगे,राजनाथ ने इस बात की घोषणा करते हुए ये भी कहा नितीश कुमार ही बनेंगे मुख्यमंत्री ,एक बार और नीतीश कुमार आज सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए तैयार हैंलेकिन अभी भी उपमुख्यमंत्री के नाम पर संशय बना हुआ है। खबरों की माने तो उत्तर प्रदेश की तरह दो उपमुख्यमंत्री बिहार मे भी बनेंगे।
बिहार का उप-मुख्यमंत्री कौन होगा?
यह सवाल राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है लेकिन कोई साफ जवाब नहीं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सुशील कुमार मोदी को डिप्टी सीएम पद न देकर फिर चौंकाया है। हालांकि यह पार्टी की पुरानी रणनीति रही है। हरियाणा हो चाहे महाराष्ट्र, झारखंड हो या उत्तर प्रदेश, भाजपा ने राजनीतिक पंडितों के अनुमानों को बताते हुए चौंकाया। ऐसे नेता मुख्यमंत्री/उप-मुख्यमंत्री बने जिनमें से कुछ के नाम भी शायद दूसरे राज्यों में कोई नहीं जानता होगा। बिहार में भी बीजेपी अब किसी नए चेहरे को उप-मुख्यमंत्री बनाएगी।2014 का हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करके सबको चौंका दिया था। उस वक्त नेताओं ने खट्टर को मुख्यमंत्री की दौड़ में भी नहीं समझा था बतौर संघ प्रचारक सफर शुरू करने वाले खट्टर 1993 से पार्टी के लिए जमीन पर काम कर रहे थे। उन्हें अचानक ही शीर्ष नेतृत्व ने सीएम की कुर्सी पर बिठाया। वह पंजाबी बोलने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं।
2017 में बीजेपी ने एक बार फिर सबको चौंकाया
उत्तर प्रदेश में पहली बार पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिली थी। कई बड़े नामों की चर्चा थी मगर बीजेपी ने गोरखपुर के सांसद गोरखनाथ महंत योगी आदित्यनाथ नाम का एलान कर सभी चौका दिया था , जो की भगवा पहनने वाले योगी की छवि एक फायरब्रांड हिंदूवादी नेता की थी। किसी को नहीं उम्मीद थी कि बीजेपी कट्टर छवि वाले योगी को सीएम बनाएगी। मगर 15 साल बाद यूपी की सत्ता में लौटी बीजेपी ने योगी को ही चुना।दौड़ में शामिल रहे केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया। दिनेश शर्मा को भी डिप्टी सीएम का पद दिया गया ताकि बैलेंस बना रहे।
लखनऊ शिवम पांडेय