मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के आदेश ने प्रदेश की नौरशाही का तापमान बढ़ाया
पुलिस कमिश्नरेट के अलावा सभी जिलों में जिलाधिकारी करेंगे हर महीने कानून व्यस्था की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के एक आदेश के बाद सूबे की नौकरशाही का तापमान बढ़ गया है । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के नए आदेश के अनुसार अब प्रदेश की 6 पुलिस कमिश्नरी के अलावा बाकी सभी जिलों में हर महीने कानून व्यस्था की समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर महीने पुलिस लाइन में की जाएगी । इस बैठक में जिले के पुलिस विभाग के आला अफसरों के अलावा जिले के सभी जिलाध्यक्ष भी रहेंगे । इस आदेश के बाद अब फिर प्रदेश के आई ए एस लाबी और आई पी एस लाबी में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है ।
जनकारो की माने तो अब इस आदेश के बाद जिले की कानून व्यस्था एक बार फिर सीधे जिला अधिकारियों के हाथो में आ जाएगी और जिले के कप्तानों को कानून व्यस्था के संबंध में लिए जाने वाले निर्णयो में संबंधित जिले के जिलाधिकारी की भी सहमति लेनी पड़ सकती है । इस फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है । कहा जा रहा है की मुख्य सचिव ने बेलगाम होती हुई अफसर शाही पर लगाम लगाने की कोशिश की है ।
योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था जिसके बाद इन जिलों में कानून व्यस्था की पूरी कमान आई पी एस अफसरों के हाथ में आ गई थी । जिले के जिलाधिकारी का हस्तक्षेप पूरी तरह से पुलिसिंग से हट गया है । ये परिवर्तन सूबे के एक ताकतवर आई ए एस अफसर की वजह से हुआ था । इस परिवर्तन के बाद सूबे के बहुत सारे नौकरशाहों ने ये दबी जबान ये कहते हुए सुना गया था की भविष्य के लिए ये ठीक नही है । इसकी वजह से आगे चलकर बहुत सारी समस्याएं खड़ी होंगी । लेकिन धीरे धीरे ये व्यस्था प्रदेश के चार और महत्वपूर्ण जनपदों में शुरू हो गई जिसके बाद भी जिस तरह के परिणाम सोचे गए थे उस तरीके से नहीं आए । अब मुख्य सचिव के इस आदेश ने एक बार फिर एक बार चर्चाओं का बाजार गर्म है की मुख्य सचिव ने अपने फैसले से ये मैसेज दे दिया है की जब भी चाहे इस व्यस्था को बदलकर पुराने तरीके पर लाया जा सकता है फिलहाल इस आदेश ने प्रदेश में आई ए एस अफसरों और आई पी एस अफसरों में चर्चाओं के एक नए दौर को जन्म दे दिया है ।