मनीष कुमार पांडेय
लखनऊ/ एक तरफ उत्तर प्रदेश में जहाँ फ़िल्म सिटी बनाने की कयावद चल रही है , खुद सीएम योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से जुटे हुए है वही दूसरी तरफ जो लोग यूपी में फ़िल्म शूट करने आ रहे है उनके साथ स्थानीय स्तर पर लूट खसोट चल रही है ।
मामला राजधानी लखनऊ का है , मेरे एक जानने वाले प्रोड्यूसर लखनऊ के अलग अलग स्पॉट पर शूटिंग कर रहे है पर हर जगह उनके साथ लूट खसोट चल रही है । आइये आपको विस्तार से पूरा मामला बताते है ।
मुम्बई की एक प्रोडक्शन कंपनी इस वक्त लखनऊ के अलग अलग स्थानों पर एक वेब सीरीज की शूटिंग चल रही है । पहला मामला हुआ लखनऊ के जाने माने होटल में । हुआ यूं कि जाने माने अभिनेता मुकेश ऋषि का एक सीन होटल के रिसेप्शन पर शूट होना था । छोटा सा सीन था क्योंकि उसी होटल में मुकेश ऋषि और फ़िल्म के कई कलाकार रुके हुए थे । लिहाजा शूटिंग के लिए वही स्थान चुना गया । इसके लिए होटल प्रबंधन तैयार हो गया । शूटिंग स्टार्ट हो गई । सेट लग गया और आधे सीन फिल्मा लिए गये । पर आधी शूटिंग के बाद होटल के जीएम ने शूटिंग रुकवा दी और एक्स्ट्रा पैसे की मांग करने लगे । अब मामला फंस चुका था लिहाजा आधे सीन फिल्माने के बाद निर्माता की भी मजबूरी बन गई और होटल प्रबंधन को निर्माता को मनचाहे पैसे देने पड़े फिर शूटिंग चालू हुई ।
दूसरा वाकया भी लखनऊ का ही है । इसी वेब सीरीज के लिए राखी सावंत को अम्बेडकर पार्क के पास एक सीन शूट करना था ।यूनिट के लोगो ने एल डी ए के कुछ अफसरों से बात की और कहा कि साहब हम पार्क के बाहर एक छोटा सा सीन सड़क पर शूट करेंगे । अफसरों ने उन्हें मौखिक रूप से अनुमति दे दी । चुकी यूनिट के पास लखनऊ पुलिस कमिशनरेट की परमिशन थी इसलियें वो शूट करने पहुँच गए । पूरा सेट लग गया और जैसे ही शूटिंग स्टार्ट हुई उसके बाद ही एल डी ए के स्मारक समिति से ताल्लुक रखने वाले अरुण प्रताप सिंह अपने दल बल के साथ पहुच गए और उन्होंने शूटिंग रुकवा दी । उनका कहना था कि यहाँ पार्क के बाहर अगर आपको सड़क पर भी शूटिंग करनी है तो उसके लिए आपको 1 दिन का एक लाख रुपया पेमेंट करना पड़ेगा । निर्माता और निर्देशक ने बड़े हाथ पैर जोड़े लेकिन वो साहब और उनके साथ आये दो और कर्मचारी अपनी जिद पर अड़े रहे । लिहाजा उस दिन शूटिंग नही हुई और राखी सावंत और पूरी टीम को वापस जाना पड़ा दूसरे दिन इसी अरुण सिंह ने रास्ता बताया कि अगर आप मुझे 40 हजार दे देंगे तो मैं आपको शूटिंग करने दूंगा वरना कल रविवार है और ऑफिस बन्द होगा फिर सोमवार को जब ऑफिस खुलेगा तब परमिशन मिलेगी और एक लाख जमा कीजियेगा फिर आप शूटिंग कर पाएंगे । फिलहाल निर्माता मरता न क्या करता । पहले दिन के 5 मिनट की शूटिंग के लिए उसने 40 हजार रुपये दिए । दूसरे दिन भी यानी सोमवार को भी एक 10 मिनट का शूट होना था जैसे ही यूनिट पहुँची । साहब अरुण सिंह पहुच गए । मौके पर ही 20 हजार लिए और 20 हजार बाद में देने की बात कह के टीम ने अपनी जान छुड़ाई । बदले में साहब को दो बोतल दारू की भी देनी पड़ी और राखी सावंत के साथ उन्होंने एक मस्त सी फ़ोटो खिंचवाई फिलहाल जो 20 हजार रुपये उन्हें नही मिले उसके लिए अब वो लगातार फोन और मैसेज फ़िल्म के प्रोड्यूसर को कर रहे है । जिसके स्क्रीन शॉट ब्रेकिंग टुडे के पास मौजूद है ।
तीसरी घटना भी इसी प्रोडक्शन हाउस के साथ घटी । कल इसी फिल्म के लिए राखी सावंत के गाने का एक सीन लखनऊ के अंसल ए पी आई में शूट होना था । इन लोगो की गलती ये हुई कि जल्दबाजी में इन्होंने थाने पर सूचना नही दी और अपना सेट लगाने लगे । इतने में अंसल थाने के कोई अंजनी तिवारी जी चार पांच पुलिस वालो को के साथ आ गए और फ़िल्म यूनिट का कैमरा और लाइट और सारा सामान थाने मे ले जाने लगे । फिलहाल फ़िल्म के प्रोड्यूसर ने मुझे फोन किया । मैने तत्काल ये बात गोसाईंगंज की ए सी पी अर्चना तिवारी जी को फोन किया । उन्होंने तत्काल अंजनी तिवारी को फोन किया । अंजनी तिवारी ने तत्काल शूटिंग चालू करवा दी और मौके पर कुछ पुलिस वालों को भी लगा दिया । लेकिन कहानी यही खत्म नही होती । थाने के एक दीवान जी सेट पर पहुँचे बोले इतने लोग तुम्हारी सुरक्षा में लगे है तत्काल कुछ नकद निकालो नही तो परमिशन हो या न हो । हम शूटिंग नही करने देंगे । फिलहाल दीवान जी 5 हजार रुपये और दो बोतल ब्लैग डॉग पर मैनेज हुए । वही यूनिट के कैटरिंग वाले ने बताया कि सर मैंने स्पॉट पर आज 41 पुलिस वालों को खाना खिलाया है । फिलहाल निर्माता को 350 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से कैटरिंग वाले को अलग से देने पड़े ।
ये सच्चाई है उत्तर प्रदेश में शूट करने वाले फ़िल्म के निर्माता निर्देशको की । आप ही बताइये अगर इस तरह का व्यवहार बन्द नही हुआ तो क्या भविष्य में कोई निर्माता निर्देशक यूपी में फ़िल्म शूट करने आएगा क्या ? मैं खुद गवाह हु की शूटिंग जब पुलिस वालों ने रोकवा दी थी तभी सेट से ही राखी सावंत ने मुंबई के सांसद राम दास अठावले को फोन लगाया और फिर रामदास आठवले खुद कॉन्फ्रेंसिंग करवा के राखी की बात यूपी के किसी बड़े अधिकारी से करवाई और वो अधिकारी कोई और नही बल्कि यूपी के डीजीपी थे । लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस वाले 5000 रुपया ले गए और तब तक नही हटे जब तक उन्हें दो बोतल ब्लैक डॉग नही दी गईं ।फिलहाल फ़िल्म के निर्माता का कहना है कि भईया इस बार तो यूनिट लेकर आ गए है । पर दुबारा इधर का रुख नही करूँगा ।
तो ये हकीकत है उत्तर प्रदेश में .. अगर मुख्यमंत्री जी आपको वास्तव में उत्तर प्रदेश में फ़िल्म सिटी बनानी है और चाहते है तो सबसे पहले आपको निर्माता निर्देशको को लूटने वाले इन लुटेरों पर अंकुष लगाना होगा । तभी प्रदेश में फिल्मों का विकास हो पायेगा ।