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योगी सरकार की ‘ग्रीन गोल्ड’ पहल को मिला अभिभावकों का समर्थन, 7 दिन में 18,348 नवजातों को मिला हरियाली का उपहार

लखनऊ, 15 जुलाई 2025 – उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर एक नवाचार के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सहभागिता को जोड़ने की अनूठी मिसाल पेश की है। सरकार द्वारा 1 से 7 जुलाई तक जन्मे नवजात शिशुओं को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ और पौधे भेंट किए गए। यह पहल न सिर्फ पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि अभिभावकों को प्रकृति से जोड़ने का एक संवेदनशील प्रयास भी है। इस अभियान के तहत राज्य भर में 18,348 नवजातों को यह सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। उनके अभिभावकों को फल, लकड़ी और औषधीय प्रजातियों के पौधे सौंपे गए, और उन्हें अपने बच्चों के साथ-साथ पौधों की भी देखभाल का संकल्प दिलाया गया।  एक पहल, कई उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में संचालित इस अभियान का उद्देश्य केवल पौधरोपण नहीं है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और सामाजिक भागीदारी के माध्यम से वृक्ष संरक्षण को जन-आंदोलन बनाना है। जब एक परिवार को नवजात के साथ एक पौधा भी सौंपा जाता है, तो वह पौधा परिवार का हिस्सा बन जाता है – उसका पालन-पोषण भी बच्चे की तरह किया जाता है। स्वास्थ्य और वन विभाग की संयुक्त पहलइस कार्यक्रम को वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त समन्वय से क्रियान्वित किया गया। पौधरोपण महाभियान के मिशन निदेशक दीपक कुमार के अनुसार सभी जिलों के वन अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क स्थापित कर संस्थागत प्रसव (जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी आदि) में जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और पौधा भेंट करें। भेंट स्वरूप दिए गए विविध प्रजातियों के पौधेवन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधे भेंट स्वरूप दिए गए, जिनमें शामिल हैं: फलदार वृक्ष: आम, अमरूद, जामुन, लीची, अनार, नींबू, बेल औषधीय/पवित्र वृक्ष: नीम, पीपल, तुलसी, सहजन, बरगद, आंवला लकड़ी देने वाले वृक्ष: सागौन, शीशम, सिल्वर ओक, बकैन, महागोनी, पाकड़, कटहल ये पौधे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मृदा संरक्षण, जैव विविधता, और कार्बन अवशोषण में सहायक होंगे। अभिभावकों ने लिया संकल्प – पौधों की करेंगे बच्चों की तरह देखभाल इस पहल को अभिभावकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। पौधा प्राप्त करते समय उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे पौधों की नियमित देखभाल, सिंचाई, और सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। यह अभियान एक भावनात्मक जुड़ाव को स्थापित करता है, जहां पौधा बच्चे का ‘ग्रीन जुड़वां’ बनता है। लखनऊ मंडल शीर्ष पर, देवीपाटन व आगरा में भी उत्साह राज्यभर में अभियान की वास्तविक सफलता आंकड़ों से भी स्पष्ट होती है। सबसे ज्यादा ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट लखनऊ मंडल (2,555) में दिए गए, इसके बाद देवीपाटन (1,854) और आगरा मंडल (1,406) का स्थान रहा।

 मंडलवार आंकड़े:

क्रम मंडल सर्टिफिकेट/पौधे
1 लखनऊ 2555
2 देवीपाटन 1854
3 आगरा 1406
4 बरेली 1379
5 प्रयागराज 1332
6 मेरठ 1141
7 सहारनपुर 1055
8 कानपुर 1052
9 अलीगढ़ 1019
10 गोरखपुर 1018
11 अयोध्या 1015
 इन 15 जनपदों में सबसे अधिक ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट दिए गए:
  • बहराइच – 989

  • बदायूं – 795

  • प्रयागराज – 782

  • सहारनपुर – 612

  • हरदोई – 601

  • गोरखपुर – 536

  • अलीगढ़ – 485

  • रायबरेली – 480

  • आगरा – 460

  • मथुरा – 428

  •  यह सर्टिफिकेट एक प्रतीकात्मक और प्रेरणात्मक दस्तावेज है, जिसे जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी या किसी अन्य सरकारी संस्थान में जन्मे बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को प्रदान किया गया। इसका उद्देश्य है एक बच्चे के जन्म के साथ एक वृक्ष का रोपण और उसकी देखभाल सुनिश्चित करना।

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