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सुप्रीम कोर्ट ने लगाईं केंद्र सरकार को फटकार- कहा कि क्या केंद्र सरकार मरीजों के लिए अस्पतालों में दाखिले पर कोई राष्ट्रीय नीति बना रहा है

चौबीस घंटे में तीन लाख 86 हजार संक्रमित, मौतों का भी बढ़ा ग्राफ
सौ फीसदी टीकों की खरीद क्यों नहीं करती केंद्र सरकार
क्या मरीजों के अस्पताल में दाखिले के लिए राष्ट्रीय  नीति बनाएगी केंद्र  सरकार
18 साल के ऊपर वालों का वैक्सीनेशन अधर में, कई राज्यों ने खड़े किए हाथ 
नई दिल्ली। भारत में कोरोना की नयी लहर ने तबाही मचा दी है। संक्रमितों का आंकड़ा रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। बीते चौबीस घंटे में तीन लाख 86 हजार से अधिक संक्रमित हुए हंै जबकि एक दिन में मौतों का आंकड़ा साढ़े तीन हजार के करीब पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वैक्सीन के दामों में अंतर क्यों है। वहीं कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए 18 साल से ऊपर के उम्र वालों का अभी वैक्सीनेशन कराने से इंकार कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,86,452 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 3498 मरीजों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। अब तक इस महामारी की चपेट में आने वालों की संख्या बढ़कर 1,87,54,925 हो गई। वहीं मरने वालों की संख्या ब़़ढकर 2,08,313 हो गई। इस दौरान 2,87,081 लोगों ठीक भी हुए हैं।
वहीं देश में फैले कोरोना संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा कि केवल राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की ही जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि केंद्र सरकार 100 फीसदी टीकों की खरीद क्यों नहीं करती। इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के मॉडल पर राज्यों को वितरित क्यों करती ताकि वैक्सीन की दामों में अंतर न रहे। राज्यों और केंद्र को मिलने वाली वैक्सीन के दाम में अंतर क्यों है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिरकार यह देश के नागरिकों के लिए है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनपढ़ या जिनके पास इंटरनेट एक्सेस नहीं है, वे कैसे वैक्सीन लगवाएंगे। केंद्र को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या केंद्र सरकार मरीजों के लिए अस्पतालों में दाखिले पर कोई राष्ट्रीय नीति बना रहा है?
क्या मूल्य निर्धारण को विनियमित किया जा रहा है। केंद्र दिल्ली के प्रति जवाबदेह है, उसे यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी होगी। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को अभी वैक्सीन नहीं लगेगी क्योंकि वैक्सीन का जो ऑर्डर किया है वह नहीं पहुंची है। हालांकि, राज्य में 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम जारी रहेगा।
राजस्थान सरकार ने भी वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए 15 मई से वैक्सीनेशन ओपन करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, लेकिन सप्लाई नहीं हुई है। ऐसे में मुंबई में तीन दिन के लिए वैक्सीनेशन पूरी तरह से रोक दिया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। सीएम ने लिखा है कि बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने और उस अनुपात में वैक्सीन उपलब्ध न होने से से टीकाकरण में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक वैक्सीन हमें नहीं मिली है। जैसे ही वैक्सीन आएगी। हम सभी को बताएंगे। पहले दिन करीब सवा करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए। दूसरे दिन भी करीब एक करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

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