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झकझकी

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व्यवस्था के साथ रहिये आबाद रहेंगे (व्यंग )

(नोट -ये पूरा लेख एक व्यंग है।  मेरा अनुरोध उन मन्थराओ से है की इसे पढ़े और फिर विचार करें ना की इसका इस्तेमाल आग लगाने के लिए करें ) एक अजीब सी ख़ामोशी है चारो तरफ। हर कोई खामोश है या शायद बोलना नहीं चाहता। ऐसा लगता  है मानो ...

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नाऊ भाई नाऊ भाई केतना बार ?

#झकझकी ए चुनाव में बड़ा कन्फ्यूजन है । समझ मे ही नही आ रहा है कि बाबा आ रहे है कि अखिलेश । पर कॉन्फिडेंस दोनों लोग में एतना है कि भइया बस पूछो न । आज दोपहर में हम खबर वबर देख रहे थे कि इतने में अखिलेश यादव ...

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