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मोबाइल ने छीन ली बच्चों की आँखों की रोशनी, पेरेंट्स के लिए अलर्ट, ये गलतियां न करें…

Mobile phones are robbing children of their eyesight, Parents are warned: don't make these mistakes...

Breaking Today, Digital Desk : आजकल छोटे-छोटे बच्चों को भी चश्मा लगा हुआ देखना आम बात हो गई है। इसका एक बड़ा कारण है डिजिटल स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग। बच्चे घंटों मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर पर लगे रहते हैं, जिससे उनकी आँखों पर काफी दबाव पड़ता है। इसे ही हम ‘डिजिटल ओवरलोड’ कहते हैं।

डिजिटल ओवरलोड से बच्चों की आँखों को क्या खतरा है?

जब बच्चे लगातार किसी डिजिटल स्क्रीन को देखते हैं, तो उनकी आँखें झपकना कम कर देती हैं। इससे आँखें सूखने लगती हैं और उनमें खुजली या जलन हो सकती है। सबसे बड़ी समस्या है मायोपिया, जिसे हम निकट दृष्टि दोष भी कहते हैं। इसमें बच्चों को दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। इसका कारण यह है कि लगातार पास की चीजों पर ध्यान केंद्रित करने से आँखों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

माता-पिता क्या कर सकते हैं?

यह समस्या गंभीर जरूर है, लेकिन हम इसे रोक सकते हैं और बच्चों की आँखों को सुरक्षित रख सकते हैं। यहाँ कुछ आसान तरीके दिए गए हैं:

  1. स्क्रीन टाइम लिमिट: सबसे पहले, बच्चों के स्क्रीन देखने का समय तय करें। छोटे बच्चों के लिए तो स्क्रीन टाइम बहुत कम होना चाहिए। बड़े बच्चों के लिए भी, एक या दो घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन देखना ठीक नहीं है।

  2. ’20-20-20′ नियम अपनाएं: हर 20 मिनट के बाद, बच्चे को कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखने के लिए कहें। यह आँखों को आराम देने में मदद करता है।

  3. बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें: बच्चों को घर के अंदर स्क्रीन पर चिपके रहने के बजाय बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। प्राकृतिक रोशनी और खुली जगह में खेलने से उनकी आँखों को बहुत फायदा होता है।

  4. सही दूरी और रोशनी: सुनिश्चित करें कि बच्चा स्क्रीन से पर्याप्त दूरी पर बैठा हो और कमरे में रोशनी भी सही हो। बहुत कम या बहुत ज्यादा रोशनी आँखों पर तनाव डाल सकती है।

  5. नियमित आँखों की जांच: बच्चों की आँखों की नियमित जांच करवाते रहें। अगर कोई समस्या शुरू हो रही है, तो समय पर पता चलने से उसका इलाज आसान हो जाता है।

  6. पोषक आहार: बच्चों के खाने में गाजर, पालक, अंडे और मछली जैसी चीजें शामिल करें जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं।

आज के समय में डिजिटल चीजों से पूरी तरह दूर रहना तो मुश्किल है, लेकिन हम सावधानी बरत कर अपने बच्चों की आँखों को स्वस्थ रख सकते हैं। थोड़ी सी जागरूकता और प्रयास से हम उन्हें एक बेहतर भविष्य दे सकते हैं, जहाँ उनकी आँखें भी स्वस्थ और मजबूत रहें।


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