
दिल्ली की मुख्यमंत्री की सचिव बनी आईएस अधिकारी मधु रानी तेवतिया कहानी किसी फिल्म की स्टोरी से कम नही है , तेवरिया ने अपने ग्रेजुएट होने के बाद से यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी की और वर्ष 2007 में उनका सेलेक्शन यूपीएससी में हो गया. उन्हें मध्य प्रदेश कैडर में 2008 बैच का आईएएस नियुक्त किया गया. जिसके बाद वह मध्य प्रदेश में जबलपुर में एसडीएम रहीं, इसके बाद जौरा में रहीं. कुछ समय के लिए वह राजगढ जिला पंचायत की सीईओ के पद पर भी रहीं. बाद में वह ग्वालियर की कलेक्टर भी रहीं आईएएस मधु रानी तेवतिया की शादी मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह से हुई.वह 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में खनन माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे थे. इस दौरान 8 मार्च 2012 को जब वह अवैध खनन रोकने के लिए गए थे. तभी खनन माफिया ने उन पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें बेरहमी से कुचल दिया. यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई. नरेंद्र कुमार की हत्या के पीछे खनन माफिया का हाथ था, लेकिन कुछ जांच रिपोर्टों में इसे एक दुर्घटना बताया गया. इसके बावजूद ट्रैक्टर चालक को दस साल की सजा सुनाई गई.पति की दर्दनाक मौत ने आईएएस मधु रानी को अंदर तक झकझोर दिया. इसके बाद उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया. यह उनके लिए सबसे मुश्किल समय था, लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं खोई. उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें मध्य प्रदेश से बाहर किसी अन्य कैडर में स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि वहां रहना उनके लिए भावनात्मक रूप से कठिन था. जनवरी 2013 में सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और उन्हें अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर में स्थानांतरित कर दिया गया। दिल्ली आने के बाद उन्हें एजुकेशन डिपार्टमेंट में एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया, फिर वह सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट का मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया. इसके अलावा वह कई अलग अगल विभागों में कार्यरत रहीं. उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी बनाया गया। अब, दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद जो प्रशासनिक फेरबदल किया गया है, उसमें मधु रानी तेवतिया को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का सचिव नियुक्त किया गया है।