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नन्दबाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत 4000 दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य को ससमय पूर्ण किया जाये :धर्मपाल सिंह

 

उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि जिला योजना अन्तर्गत 220 एवं नन्दबाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत 4000 दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य को ससमय पूर्ण किया जाए। साथ ही दुग्ध समितियों में दुग्ध उत्पादकों द्वारा विक्रय किए जा रहे दूध की सही नाप तौल एवं उचित मूल्य की पारदर्शी व्यवस्था हेतु आवश्यक उपकरणों की स्थापना दुग्ध समितियों में कराई जाए।
सिंह ने यह निर्देश आज यहां पशुपालन निदेशालय में आयोजित दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में बताया गया कि तरल दुग्ध विक्रय 1.96 लाख लीटर प्रतिदिन रहा है जिसे बढ़ाने हेतु मंत्री  द्वारा निर्देश दिए गए । इसके अतिरिक्त उन्होने कहा कि नई दुग्ध समितियों का गठन किया जाए और पुरानी समितियां बंद न होने पाए। पराग के उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर है ओर जनमानस का भरोसा पराग पर है। उत्पादन के साथ ही समुचित एवं सुनियोजित वितरण की व्यवस्था भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बैठक में मार्केटिंग में वृद्धि किए जाने के सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों के कम में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि क्विक कामर्स के माध्यम से पराग डेयरी वाराणसी द्वारा स्वीगी एवं पराग डेयरी लखनऊ द्वारा फ्लिपकार्ट के माध्यम से उपभोक्ताओं को दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ की बिकी प्रारम्भ की जा चुकी है। जिला योजना एवं भारत सरकार की एनपीडीडी योजना अर्न्तगत दुग्ध उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि हेतु कृषकों/दुग्ध उत्पादकों को जागरूक किए जाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे कृषक/दुग्ध उत्पादक अधिक दुग्ध उत्पादन करते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे।
मई 2025 में दुग्ध संघों का औसत दुग्ध उपार्जन 3.12 लाख किग्रा प्रतिदिन जो गत वर्ष से 13 प्रतिशत अधिक रहा है जिसे बढ़ाने हेतु मा० दुग्ध विकास मंत्री जी द्वारा निर्देश दिए गए। वर्ष 2025-26 में 20 मई 2025 तक 246 समितियों का गठन एवं 73 समितियों का पुनर्गठन किया जा चुका है। पीसीडीएफ की स्थापित प्रसंस्करण क्षमता की उपयोगिता को बढाए जाने हेतु 03 डेयरी प्लान्ट्स यथा कानपुर (04 स्स्च्क्), गोरखपुर (01 स्स्च्क्) एवं कन्नौज (01 स्स्च्क्) तथा सीएफपी अम्बेडकर नगर को एनडीडीबी के माध्यम से संचालित किए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इससे क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को उचित मूल्य पर दुग्ध विक्रय कर सकेंगे एवं दुग्ध व्यवसाय के रूप में रोजगार के अवसर सृजित होगें।

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