जीवन मिशन में एफ टी के किट का खेल
लक्ष्य पूरा न हो सका तो जिलों में लक्ष्य कर दिया आधा
एफ टी के किट की खरीदारी से लेकर टेस्टिंग तक में खेल
उत्तर प्रदेश में जलशक्ति विभाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी महत्त्वाकांक्षी योजना “हर घर नल , हर घर” जल बड़ी तेजी से चल रही है । इस योजना का उद्देश पूरे देश में ग्रामीण इलाको को लोगो को स्वक्ष पेय जल उपलब्ध करवाना है । उत्तर प्रदेश में इस योजना की कमान यूपी के तेज तर्राक आई ए एस अनुराग श्रीवास्तव के देख रेख़ में चल रही है । अनुराग श्रीवास्तव इस विभाग के प्रमुख सचिव है और इसका कार्यालय लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में मंडी परिषद के एक बिल्डिंग में है जहा हर माह इस लाखो रुपए किराए में खर्च किए जा रहे है । हालाकि पहले ये योजन जल निगम के मुख्यालय से संचालित की जा रही थी जहां पर बकायदा इस योजना के नाम पर एक बड़ी बिल्डिंग का निर्माण करवाया गया था । पर जाने किन परिस्थितियों में इस योजना के लिए कार्यालय के लिए अलग से स्थान लिया गया इसका जवाब शायद इस योजना को संचालित करने वाले हुक्मरान ही बता सकते है ।
फिलहाल इस योजना का संचालन बड़ी तेजी से हो रहा है । गांव गांव पाइप लाइन बिछाई जा रही है । तेजी से लक्ष्य को पूरा करने की कवायद चल रही है । लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहें है वो जानकर आप चौंक जायेंगे । दरसल इस योजना के तहत डेढ़ साल पहले एफ टी के किट खरीदे गए थे । इस किट की खरीददारी करोड़ो रुपए में की गई थी । एफ टी के किट का इस्तेमाल गांवो में पेय जल की गुणवत्ता जांच करना था । इस किट की एक्सपायरी 30 सितंबर तक थी लेकिन किट खरीद के योजना के अफसर भूल गए की इसका इस्तेमाल भी होना है लिहाजा ये किट पड़े पड़े एक्सपायरी के करीब पहुंच गए । अगर ये किट एक्सपायर हो जाते तो जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को जवाब देना मुस्कील हो जाता । फिलहाल अफसरों ने एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला । उदाहरण के तौर पर अगस्त माह में आगरा मंडल के फिरोजाबाद जिले में एक टी के किट से सैंपल टेस्टिंग का टारगेट लगभग 50 हजार था । अगस्त माह में समीक्षा के दौरान जब ये बात अफसरों को समझ में आई तो उन्होंने टारगेट पूरा करने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला । फिरोजाबाद का टारगेट घटाकर उन्होंने 25 हजार कर दिया । सितंबर महीने में और 6 हजार टेस्ट जनपद में किए गए । और टारगेट जब 50 हजार से घटाकर आधा यानी 25 हजार कर दिया गया और 60 प्रतिशत टेस्टिंग में 6 हजार टेस्ट और एक महीने में जुड़ गए तो इस जनपद में प्रोग्रेस 147 प्रतिशत हो गई । मतलब एक महीने में लक्ष्य पूरा करने के लिए अफसरों ने लक्ष्य को ही आधा कर दिया । ये हाल सिर्फ फिरोजाबाद में नही बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में है। जिस भी जिलों में किट पड़े हुए थे और टेस्टिंग नही हुई थी उन सभी जिलों में लक्ष्य को आधा कर दिया गया
कायदे से अगर जल जीवन मिशन योजना में एफ टी के किट की खरीद से लेकर खपत तक की सरकार जांच करवा ले तो जल जीवन मिशन में काम करने वाले कई अफसरों को हवालात की हवा खानी पड़ सकती है । लेकिन सवाल ये उठता है की आखिर जांच करवाएगा कौन । विभागीय मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जल जीवन मिशन योजना में कभी हाथ डालते नही और विभाग में काम करने वाले किसी अधिकारी ने आवाज उठाई तो उसकी नौकरी जाना तय है ।