मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक लेते हुए निर्देश दिया कि सभी विभाग समन्वय बनाकर दुर्घटना को नियंत्रित करें और सभी एक्सप्रेस-वे पर अस्पताल की व्यवस्था करें व सीएम, सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रुप से होती रहनी चाहिए , तथा विद्यालयों के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक रुल्स जोड़े जाएं, डग्गामार,ओवरलेडेड ट्रकों पर प्रभावी कार्रवाई करें, हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल नही होनी चाहिए ओवर स्पीड,ड्रंकन ड्राइव,रेड लाइट जंप दुर्घटना के कारण, नाबालिग बच्चों के हाथ में ई-रिक्शा की कमान नही होनी चाहिए। दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34,600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, जो कि अत्यंत दुखद है। इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा। वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जिलों में सबसे ज्यादा 20 जिलों हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में दुर्घटनाओं से जनहानि हुई है। प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जिलों से है।