
खिलाड़ी ने अपने परिवार की मदद के लिए सीएम को लिखा पत्र
8 साल से कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले का परिवार भुखमरी के कगार पर
विवेक मिश्रा एक युवा खिलाड़ी है और पिछले 8 सालों से नेट बाल टुर्नामेंट्स में उत्तर प्रदेश के कई रास्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिओं में हिस्सा ले चुके है पर आज उन्हें अपने प्रदेश की सरकार से मदद की दरकार है । विवेक ने अपने जिले के डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाई है पर अब तक मदद कही से भी नही हो पाई है
दरसल विवेक को अंशकालिक मानदेय पर मिर्जापुर स्टेडियम में नौकरी दी गई थी पर पिछले 1 साल से वो भी नही है और अब विवेक और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है । विवके ने खुद के परिवार के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी होने की वजह से डीएम से लेकर सीएम तक मदद की गुहार लगा चुके है पर अभी तक उनकी किसी भी प्रकार की मदद नही की गई । चार दिन पहले ही जब सीएम ने प्रदेश के खिलाड़ियों से संवाद किया गया था तब विवेक भी थे लेकिन विवेक को अपनी समस्या को बताने का भी मौका सीएम को नही दिया गया । विवेक का कहना है कि मैं सीएम साहब से बताना चाहता था पर मुझे अधिकारियों ने बोलने का मौका भी नही दिया । विवेक ने एक व्हाट्सएप मैसेज मुझे भेजा है जो आपके लिए शेयर कर रहा हूं । इसे देखकर आपको अंदाजा लग जायेगा कि यूपी का एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी और उसका परिवार किस स्थिति से गुजर रहा है । उम्मीद है कि शायद हम विवेक की ये फरियाद सीएम तक पहुँचा सके जिससे उनके और उनके परिवार की मदद हो सके । साथ ही साथ मुख्यमंत्री को लिखा उनका पत्र भी पाठकों के लिए शेयर कर रहा हूँ ।

“प्रणाम सर
मेरा नाम विवेक कुमार मिश्रा हैं मैं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का रहने वाला हु मैं एक राष्ट्रीय खिलाडी हु , मैं अंशकालीन मानदेह प्रशिक्षक (कोच) के रूप मे स्टेडियम मिर्जापुर मे नौकरी करता था । मेरे नौकरी से मेरे पुरे परिवार खर्च चल रहा था । मेरे परिवार मे मेरे दादा जी दादी जी मेरी दादी पिछले 5 साल से स्ट्रोक की रोगी हैं और विकलांग हैं ।उनका दवा मैं ही करता था मेरी माँ है पिता जी हैं मेरे पिता जी एक गरीब छोटे किसान है मेरा एक छोटा बच्चा हैं मेरी बहन है जो विकलांग हैं उसकी ऊँगली कटी हैं वह भी बी.एड कि छात्रा हैं उसकी पढाई के लिये मैं अपने रिस्तेदार से पैसा कर्ज लेके नाम लिखाया कि स्टेडियम मे नैकरी कर रहा हु कर्ज दे दुगा बहन विकलांग हैं अपनी पढाई कर लेगी परन्तु ऐसा नही हुआ मारी बहन कि छात्रवृत्ति पिछली साल भी नही आया ना इस साल आया और ना इस साल का फीस भी जमा हुई हैं और मेरी नैकरी भी चली गई !
महोदय मैं अकेला क्या क्या करू दादी जी का दवा कराऊ बहन का फीस दु की रिस्तेदार का कर्ज दु की घर पर रोटी कि वयस्था करू क्या करू मेरा एक छोटा बच्चा हैं उसका परवरिश करू , आप ही बताये मै इस विषय पर मा. मुख्यमंत्री जी को पत्र भी लिखा हुआ जिला अधिकारी को पत्र लिखा परंतु अभी तक कोई मदद नही हुआ हैं आप से हाथ जोड़ निवेदन हैं कि इस पर विचार मदद करे !
मैं प्रदेश के लिये खेलता हु और यह दिन देखना पायेगा कभी सोच नही था कि प्रदेश के लिये खेलने के बाद यह दिन देखना पड़ेगा सर मैं आप से हाथ जोड़ निवेदन करता हु की आप मेरी और परिवार की मदद करे मैं व मेरा पुरा परिवार अजीवन आप का आभारी रहेगा! “
इस पत्र और मैसेज को सार्वजनिक करने का बस मेरा इतना मकसद है कि विवेक और उनके परिवार की मदद की जा सके आपसे भी अनुरोध है कि इसे सही स्थान पर पहुचाने में मदद करेंगे
मनीष कुमार पांडेय
ब्रेकिंग टुडे