कहते है कि राजनीति में विरोधियों को को परास्त करने के लिए सब जायज है । इसके लिए लिए कुछ भी निर्णय लिया जा सकता है । ऐसा ही एक निर्णय आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लिया गया । 1994 बैच के आईपीएस अफसर डीके ठाकुर को आज लखनऊ का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया । तेज तर्राक और साफ सुथरी छवि वाले आई पी एस अफसर सुजीत पांडेय को एक साइलेंट पोस्टिंग दे दी गई ।
दरशल कुछ दिनों से विपक्ष सरकार पर कानून व्यस्था को लेकर काफी हावी था । हर दूसरे तीसरे दिन राजधानी में विपक्ष सरकार के खिलाफ सड़को पर प्रदर्शन के लिए उतर जाता था । सूबे की दो मुख्य विपक्षी पार्टियां आजकल सरकार के खिलाफ काफी मुखर होकर सड़को पर उतर कर प्रदर्शन कर रही थी । कांग्रेस और समाजवादी पार्टी लगातार अपने प्रदर्शनों को लेकर लगातार सुर्खियों में बनी हुई थी ।
माना जा रहा है कि इन लगातार हो रहे प्रदर्शनों को रोकना सरकार के लिए जरूरी हो गया था और मौजूदा पुलिस आयुक्त इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहे थे जिसकी वजह से सत्ता पक्ष की काफी किरकिरी हो रही थी और विपक्ष भी अपने मकसद में कामयाब हो रहा था लिहाजा आज आधी रात को लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय को पुलिस आयुक्त लखनऊ के पद से हटा दिया गया और सरकार ने नए पुलिस आयुक्त के रूप में डीके ठाकुर की तैनाती की है ।
डीके ठाकुर 1994 बैच के अफसर है और काफी समय से उपेक्षित पदों पर तैनात रहे है । मायावती शासन काल मे अखिलेश यादव के आंदोलनो को कुचलने में डीके ठाकुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । डीके ठाकुर ने हजरतगंज में समाजवादी पार्टी के आंदोनल को अपने पैरों तले रौंद दिया था और एक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के गर्दन पर पैर रखे हुए डीके ठाकुर की फ़ोटो देश भर में वयरल हुई थी ।
फिलहाल योगी सरकार ने डीके ठाकुर को अब लखनऊ के पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी दी है । अब देखना ये होगा कि नवागत पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर सरकार की उम्मीदों पर खरे उतरते है या नही और उनकी पुरानी छवि योगी सरकार के कितने काम आती है ।