आसान नही दिल्ली से आकर खुद को यूपी में स्थापित करना
कभी जो लोग तंज कसते थे वो आज आगे पीछे घूमते हैं
लोगो के दिलो में तेजी से अपनी जगह बना रहें है जितिन
यूपी की राजनीति में अपने आप को स्थापित करना किसी नेता के लिए आसान नही है । खासकर उसके लिए जिसने दिल्ली की गलियों में राजनीति का ककहरा सीखा हो । राजनीति चाहे भले ही विरासत में मिली हो लेकिन विरासत में मिली राजनीति के दम पर लोगो के दिलो में अपनी जगह बनना भी आसान नही है यूपी की राजनीति से निकलकर दिल्ली में तो कई नेताओं ने अपनी जगह बनाई है लेकिन दिल्ली की राजनीति से निकलकर यूपी में आकर अपना स्थान बनाना आसान नही है । हम आज आपको एक ऐसे ही नेता के बारे में बताने जा रहें है जिसने अपने राजनीति की शुरुआत तो दिल्ली से की पर अब तेजी से उत्तर प्रदेश में वापस आकर लोगो के दिलो में अपनी जगह बना रहा है ।
योगी कैबिनेट में जितिन प्रसाद एक ऐसे नेता है जिनकी बीजेपी में इंट्री ही लोग पचा नहीं पा रहे थे । जितिन प्रसाद जब बीजेपी में आए तो लोगो को ये समझ में नहीं आ रहा था बीजेपी में जितिन प्रसाद का भविष्य क्या होगा । जितिन प्रसाद की इंट्री उस वक्त हुई जब पूरे प्रदेश में बीजेपी से ब्राह्मणों की नाराजगी की खबरें आ रही थी । बीजेपी के नेताओ से लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओ ने उस दौरान बीजेपी नेतृत्व पर ढेर सारे तंज कसे थे । बहुतों को तो ये कहते सुना गया था की जितिन प्रसाद को लाकर बीजेपी ने ब्राह्मणों को और नाराज कर दिया है क्योंकि जितिन प्रसाद शुरू से ही दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहें है और यूपी में ब्राह्मणों के बीच उनकी कोई स्वीकार्यता नही है । उनका प्रभाव भी शाहजहापुर , लखीमपुर और सीतापुर से जैसे जनपदों में थोड़ा बहुत है । उस वक्त किसी को उम्मीद नहीं थी की केंद्र में मंत्री रहने वाला एक नेता उत्तर प्रदेश में कुछ कर पाएगा ।
लेकिन फिर 2022 के प्रचंड जीत के बाद जितिन प्रसाद ने खुद को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शामिल करवाकर लोगों को चौंका दिया । यही नहीं जब विभागो का आवंटन हुआ और जितिन प्रसाद को लोक निर्माण जैसे विभाग का जिम्मा मिला तो उसके बाद लोग सोचने पर मजबूर हो गए । लोक निर्माण विभाग एक ऐसा विभाग है जिसकी ताकत से सभी वाकिफ है । बीएसपी सरकार में ये विभाग नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास हुआ करता था । सपा सरकार में शिवपाल सिंह यादव के पास और जब बीजेपी की सरकार बनी तो पहली बार ये विभाग उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास हुआ करता था । ये सभी नेता अपनी अपनी सरकारों में मुख्यमंत्री के बाद सबसे ताकतवर नेता हुआ करते थे ।
लोक निर्माण विभाग मिलने के बाद यूपी के उन सभी नेताओ के मुंह पर ताला लटक गया जो कभी जितिन प्रसाद के नाम पर तंज कसा करते थे । फिलहाल सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे कुछ बड़े ओहदेदारों को ये बात भला कहां पचने वाली थी । जितिन प्रसाद को कमजोर करने की साजिशे शुरू हो गई । विभाग में तबादलो को लेकर उनके ओ इस डी अनिल पांडेय को साजिशों के जाल में फंसाया गया । मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर खबरें प्लांट कारवाई गई । लेकिन अपने खिलाफ की गई साजिशों के चक्रव्यू से खुद को जितिन प्रसाद ने बड़ी सफाई से निकाला और आज अपने आप को उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह से स्थापित कर लिया
ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश में किसी टेंडर के लिए मंत्री के कैंप से कोई सिफारिश नहीं आती । अब इनके विभाग में पोस्टिंग मेरिट पर हो रही है न की सिफारिश पर । धीरे धीरे हो रहे इस बदलाव को हर कोई महसूस कर सकता है । इसी के साथ जितिन प्रसाद तेजी से लोगो के बीच में अपनी जगह बनाते हुए दिखाई दे रहें है । जो लोग कभी जितिन प्रसाद पर तंज कसा करते थे अब वो अक्सर जितिन प्रसाद के आस पास देखे जा सकते है। फिलहाल अब ये कहना गलत नही होगा की तमाम मुस्किलो से निकलकर अब जितिन प्रसाद का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार हो गया है ।