
Breaking Today, Digital Desk : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक ऐसी बात कही है जो शायद कई लोगों को हैरान कर सकती है। उन्होंने इस बात को खुलकर स्वीकार किया है कि अमेरिका के पास कुछ खास और महत्वपूर्ण नौकरियों के लिए पर्याप्त टैलेंट की कमी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विदेशी वर्कर्स के लिए बने H-1B वीज़ा प्रोग्राम का बचाव भी किया है। उनका मानना है कि अमेरिका को दुनिया के बेस्ट और सबसे ब्राइट लोगों को देश में लाने की ज़रूरत है, ताकि वह कॉम्पिटिटिव बना रह सके।
ट्रम्प, जो अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ और इमिग्रेशन पर कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं, उनका यह बयान काफी अहमियत रखता है। उन्होंने पहले H-1B वीज़ा प्रोग्राम की आलोचना की थी और इसे अमेरिकी वर्कर्स के लिए खतरा बताया था। लेकिन अब उनके सुर कुछ बदले हुए लग रहे हैं।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि, “हमें उन लोगों की ज़रूरत है जो कॉलेज से टॉप करके निकलते हैं, चाहे वे किसी भी देश के हों। हमें उन्हें यहाँ अमेरिका में रखना चाहिए।” उनका मानना है कि जो लोग अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई करते हैं और खास स्किल्स हासिल करते हैं, उन्हें यहीं पर रहकर देश के विकास में योगदान करने का मौका मिलना चाहिए।
ट्रम्प ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दुनिया के बाकी देश भी इसी तरह से टैलेंट को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर अमेरिका ऐसा नहीं करेगा, तो वह पीछे रह जाएगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि अगर कोई बहुत ही शानदार और प्रतिभाशाली स्टूडेंट हार्वर्ड से ग्रेजुएशन करता है, तो उसे अमेरिका में ही रहना चाहिए और यहाँ की कंपनियों के लिए काम करना चाहिए, न कि उसे वापस अपने देश भेज देना चाहिए।
उनका यह बयान दिखाता है कि भले ही उनकी इमिग्रेशन पॉलिसीज़ कठोर रही हों, लेकिन वे यह भी समझते हैं कि देश की इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के विकास के लिए उच्च-कुशल विदेशी वर्कर्स का महत्व है। H-1B वीज़ा एक नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा है जो अमेरिकी कंपनियों को कुछ खास प्रोफेशन्स में विदेशी वर्कर्स को अस्थायी रूप से काम पर रखने की अनुमति देता है, खासकर उन फील्ड्स में जहां अमेरिकी वर्कर्स की कमी होती है, जैसे कि IT और इंजीनियरिंग।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस बदले हुए रुख का आने वाले समय में अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसीज़ पर क्या असर पड़ता है। क्या अमेरिका वाकई में दुनिया भर से टैलेंट को आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों में ढील देगा?






