
Breaking Today, Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है। जैसे-जैसे मतदान की तारीखें नज़दीक आ रही हैं, राजनैतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज़ हो गया है। इसी कड़ी में, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव आयोग से एक बड़ी मांग की है, जिसने एक नई बहस छेड़ दी है। BJP ने चुनाव आयोग से अपील की है कि बुर्का पहनकर वोट डालने आने वाली महिलाओं की पहचान की पुख्ता व्यवस्था की जाए। पार्टी का कहना है कि ऐसा न होने पर फर्जी मतदान की आशंका बढ़ जाती है।
क्या है BJP की चिंता?
BJP का तर्क है कि अगर बुर्का पहनी महिला वोटर्स की ठीक से पहचान नहीं की गई, तो कोई और महिला उनकी जगह वोट डाल सकती है। इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले में गंभीरता से विचार करने और उचित कदम उठाने की गुजारिश की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि मतदान केंद्रों पर महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाए, जो बुर्का पहनी वोटर्स की पहचान सुनिश्चित कर सकें।
चुनाव आयोग का रुख क्या होगा?
अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग BJP की इस अपील पर क्या फैसला लेता है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है। ऐसे में, किसी भी तरह की धांधली या फर्जी मतदान को रोकने के लिए आयोग को सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।
यह मुद्दा सिर्फ बिहार चुनाव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई अन्य चुनावों में भी समय-समय पर उठता रहा है। महिला वोटर्स की निजता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के बीच संतुलन साधना हमेशा एक चुनौती रही है।
राजनैतिक गलियारों में चर्चा
BJP की इस मांग ने राजनैतिक गलियारों में गरमागरम बहस छेड़ दी है। कुछ दल इसे ध्रुवीकरण की कोशिश बता रहे हैं, तो कुछ इसे चुनाव की शुचिता बनाए रखने के लिए ज़रूरी कदम मान रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि यह महिलाओं को निशाना बनाने और उन्हें मतदान से हतोत्साहित करने का प्रयास है। वहीं, BJP अपने रुख पर कायम है और उनका कहना है कि यह केवल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग है।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बयानबाजी देखने को मिल सकती है। बिहार चुनाव 2020 में यह मुद्दा एक अहम चर्चा का विषय बन गया है।