टी-पॉइंट पर है आपका प्लॉट, वास्तु शास्त्र से जानें, यह आपके लिए सौभाग्य लाएगा या दुर्भाग्य…
Your plot is on a T-point, know from Vastu Shastra, whether it will bring you good luck or bad luck

Breaking Today, Digital Desk : अक्सर लोगों के मन में टी-आकार के प्लॉट या तिराहे पर बने घर को लेकर एक दुविधा और संशय बना रहता है। कई लोग इसे अशुभ मानकर ऐसे प्लॉट खरीदने से बचते हैं, तो कुछ लोग इसे लेकर खास चिंतित नहीं होते। वास्तु शास्त्र में ऐसे प्लॉट के शुभ और अशुभ दोनों तरह के प्रभावों का वर्णन मिलता है, जो मुख्य रूप से दिशा पर निर्भर करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि टी-आकार का प्लॉट आपके लिए कैसा फल दे सकता है।
क्यों माना जाता है टी-पॉइंट का प्लॉट अक्सर अशुभ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तिराहे या टी-पॉइंट पर बने घरों को आम तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि इन स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अधिक हो सकता है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
ऊर्जा का सीधा प्रहार: सड़क से आने वाली ऊर्जा बिना किसी बाधा के सीधे घर में प्रवेश करती है, जिसे वास्तु में ‘ऊर्जा का सीधा प्रहार’ या ‘शूल’ कहा जाता है। यह घर की सकारात्मक ऊर्जा को बाधित कर सकता है।
मानसिक अशांति: ऐसे स्थानों पर वाहनों और लोगों की लगातार आवाजाही बनी रहती है, जिससे घर में रहने वालों की मानसिक शांति भंग हो सकती है।
नकारात्मक ऊर्जा का जमाव: तिराहों पर वास्तु दोष उत्पन्न होने की आशंका अधिक होती है, जो परिवार के सदस्यों के लिए मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियाँ पैदा कर सकता है।
दिशा तय करती है शुभ-अशुभ फल
टी-पॉइंट वाले घर का प्रभाव हमेशा नकारात्मक नहीं होता। इसका अच्छा या बुरा होना इस बात पर निर्भर करता है कि सड़क किस दिशा से आपके घर की ओर आ रही है।
शुभ दिशाएं:
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण): यह सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। इस दिशा का टी-पॉइंट घर में सुख-समृद्धि और चौतरफा विकास लाता है।
उत्तर दिशा: उत्तर दिशा से आने वाला टी-पॉइंट भी बहुत अच्छा माना जाता है। यह धन-लाभ और करियर में नए अवसर प्रदान करता है।
पूर्व दिशा: पूर्व दिशा का टी-पॉइंट मान-सम्मान और अच्छे स्वास्थ्य का कारक होता है। इसे वास्तु में अच्छा माना गया है।
अशुभ दिशाएं:
दक्षिण दिशा: इस दिशा का टी-पॉइंट अशुभ फलदायक होता है और इसमें रहने वाले लोग अक्सर परेशानियों से घिरे रहते हैं।
पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा का टी-पॉइंट भी अच्छा नहीं माना जाता, यह घर में वास्तु दोष पैदा करता है और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है
दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण): यह दिशा गंभीर बीमारियों और अकाल मृत्यु जैसे गंभीर कष्टों का कारण बन सकती है।
उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण): इस दिशा का टी-पॉइंट आर्थिक नुकसान का कारण बनता है।
दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण): यह दिशा भी अशुभ मानी गई है। ऐसे घरों में चोरी और आग लगने जैसी घटनाओं का भय बना रहता है
वास्तु दोष को दूर करने के सरल उपाय
अगर आपका घर अशुभ दिशा वाले टी-पॉइंट पर स्थित है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। वास्तु शास्त्र में कुछ सरल उपाय बताए गए हैं जिनसे नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है:
अष्टकोणीय दर्पण: घर के मुख्य द्वार पर सामने की ओर एक अष्टकोण (आठ कोनों वाला) आकार का दर्पण लगाएं। माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा टकराकर वापस लौट जाती है।
विंड चाइम: दरवाजे पर मधुर ध्वनि वाली विंड चाइम लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा अवरुद्ध नहीं होती।
पौधे लगाएं: मुख्य द्वार के दोनों ओर तुलसी, एलोवेरा या अशोक के पौधे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।
वास्तु पिरामिड: किसी वास्तु शास्त्री से सलाह लेकर घर में उचित स्थान पर पिरामिड स्थापित करने से भी दोष का निवारण होता है।
पीली पट्टी: घर के मुख्य द्वार पर चार इंच की पीली पट्टी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा घर के बाहर ही रुक जाती है।






